भारत विदेशी निवेश नियमों को आसान बनाने पर विचार कर रहा है ताकि अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को निर्यात के लिए भारतीय विक्रेताओं से सीधे खरीदारी करने की अनुमति मिल सके। यह कदम भारतीय विक्रेताओं और अर्थव्यवस्था के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव साबित होगा। अमेज़न या फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स दिग्गज कंपनियों को निर्यात के लिए भारतीय व्यवसायों से सीधे खरीदारी करने की अनुमति देने से हमारे विनिर्माण और निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र को काफी बढ़ावा मिलेगा। यह न केवल स्थानीय उद्यमियों और एमएसएमई को सशक्त बनाता है, बल्कि घरेलू उत्पादों के लिए सीधे वैश्विक बाज़ार खोलकर "मेक इन इंडिया" को भी मजबूत करता है, ज्यादा निर्यात का मतलब है ज्यादा राजस्व, रोजगार सृजन और एक मजबूत अर्थव्यवस्था।
इस तरह के स्मार्ट, व्यवसाय-समर्थक सुधार, वैश्विक बाज़ार के साथ एकीकरण करते हुए घरेलू उद्योगों को समर्थन देने की भारत की प्रतिबद्धता को भी दर्शाते हैं और यदि अमेज़न या फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स दिग्गज कंपनियों को निर्यात के लिए सीधे 40 लाख भारतीय विक्रेताओं को खरीदने की अनुमति देता है, तो यह एक बड़ा बदलाव होगा।
इस पहल से लाभ:-
- भारतीय व्यवसायों, विशेष रूप से छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों को निर्यात का एक आसान तरीका मिलेगा।
- इससे जटिल दस्तावेज़ीकरण और अनुपालन आवश्यकताओं का बोझ कम होगा।
- भारतीय विक्रेताओं को ई-कॉमर्स दिग्गजों के माध्यम से एक विशाल वैश्विक ग्राहक आधार तक पहुँच प्राप्त होगी।
- छोटे स्टार्टअप ग्लोबल मार्किट तक पहुँच सकते हैं।
- स्थानीय विक्रेताओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।
- मेक इन इंडिया और एमएसएमई को बढ़ावा मिलेगा।
- हर महत्वाकांक्षी उद्यमी के लिए बड़े सपने देखने का सुनहरा मौका।
बाजार में लोगों का कहना है कि यह एक बहुत बढ़िया कदम हो सकता है क्योंकि इस पहल से भारतीय विक्रेता सीधे वैश्विक बाजारों में अपनी धमक दिखाएंगे और अपने उत्पाद को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निर्माण करेंगे जिससे निर्यात बढ़ेगा एवं भारतीय घरेलु उद्योग भी अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते है और सबसे बड़ी बात बिचौलिए समाप्त हो जाएंगे।