ऑनलाइन सट्टेबाजी की लत, वित्तीय नुकसान और यहां तक कि आत्महत्या जैसे गंभीर परिणामों की चिंता करते हुए भारत सरकार ने डिजिटल दुनिया में एक बड़ा कदम उठाते हुए संसद में ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक 2025 पेश किया और उसको लोकसभा से पास भी कराया जिससे परिवारों को वित्तीय और मनोवैज्ञानिक नुकसान से भी बचेंगे और भारत सरकार का यह प्रयास डिजिटल दुनिया में एक नया सवेरा लाएगा, जहां टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल जिम्मेदारी और रचनात्मकता काम के लिए इस्तेमाल किया जायेगा। इस विधेयक से भारत के युवाओं को क्रिएटिव और इनोवेटिव गेमिंग का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में काम करेगा तथा नागरिकों को ऑनलाइन मनी गेम्स के खतरों से भी बचाएगा लेकिन यह विधेयक ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता भी निर्माण करेगा।
इस विधेयक का उद्देश्य है कि बच्चे और युवा डिजिटल लिटरेसी और स्किल डिवेलपमेंट के साथ-साथ सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ना जिसके ।
कुछ मुख्य प्रावधान है जिसमे क्रमश:
१. ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा और मान्यता
२. सोशल और शैक्षिक गेम्स को प्रोत्साहन
३. मनी गेम्स की पेशकश या सुविधा देना: 3 साल तक की जेल और/या 1 करोड़ रुपये का जुर्माना।
४. मनी गेम्स का विज्ञापन: 2 साल तक की जेल और/या 50 लाख रुपये का जुर्माना।
५. मनी गेम्स से जुड़े वित्तीय लेनदेन: 3 साल तक की जेल और/या 1 करोड़ रुपये का जुर्माना।
६. बार-बार अपराध करने पर 3-5 साल की जेल और 2 करोड़ तक का जुर्माना।
७. कॉर्पोरेट कंपनियों को जाँच में अपराध साबित होने पर सजा मिलेगी
८. गैरकानूनी गतिविधियों के लिए कॉर्पोरेट कंपनियां जिम्मेदार होगी।
ऑनलाइन सट्टेबाजी या किसी भी प्रकार के जुए, चाहे वे स्किल पर आधारित हों या लक पर, पूरी तरह प्रतिबंधित होंगे और इस विधेयक ने जांच एजेंसियों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के नियम के तहत संदिग्ध मामलों में बिना वारंट के तलाशी और गिरफ्तारी के साथ साथ डिजिटल एवं भौतिक संपत्तियों की तलाशी, जब्ती, और जांच का अधिकार दिया है जिससे समाज में सुरक्षा और रचनात्मक कार्य करने की भावना का निर्माण होगा।