आंवला (आमलकी) को आयुर्वेद में " रसायन " माना गया है, जो शरीर को पुनर्यौवन प्रदान करता है। इसके औषधीय गुणों का उल्लेख कई आयुर्वेदिक ग्रंथों में किया गया है।
चरक संहिता में आमलकी श्लोक -
अमृता फलिनी वृक्षा अमृतं चैव तत्फलम्।
अमलकी सर्वरोगाणां, द्वारं आयुर्वेदस्य च॥"
अर्थ – आमलकी एक अमृत समान फल देने वाला वृक्ष है। यह सभी रोगों को दूर करने वाला और आयुर्वेद के ज्ञान का प्रवेश द्वार है।
अष्टांगहृदयम् में वर्णित श्लोक -
"वयःस्था पित्तनुत् स्निग्धा हृद्यं चक्षुष्यरोगिनि।
बल्या रसायनी वृष्या श्लेष्मपित्तास्रदोषजित्॥"
अर्थ – आंवला आयु बढ़ाने वाला, पित्त दोष को शांत करने वाला, शरीर को स्निग्धता (पौष्टिकता) देने वाला, हृदय के लिए हितकारी, आँखों के लिए लाभकारी, बल और ऊर्जा देने वाला, रसायन और वीर्यवर्धक है।
भावप्रकाश में आमलकी श्लोक -
"रसायनानां प्रथमं आमलकी ततोऽन्यानि।
एषा हि त्रिदोषघ्नी बलदात्री च धात्री च॥"
अर्थ – सभी रसायनों में आमलकी का पहला स्थान है। यह त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करने वाली, बलवर्धक और पोषण देने वाली है।
सुश्रुत संहिता में वर्णित श्लोक -
"रसं लावण्यसंपन्नं समधुरं गुरु शीतलम्।
रक्तपित्तज्वरघ्नं च पाचनं कफवातजित्॥"
अर्थ – आमलकी रस और गुणों से भरपूर, हल्की मिठास लिए हुए, शीतल प्रकृति की होती है। यह रक्तपित्त (खून की अशुद्धि), ज्वर (बुखार) को दूर करती है, पाचन को दुरुस्त करती है और कफ-वात दोषों का नाश करती है।
आंवला के प्रमुख लाभ
त्रिदोष नाशक – वात, पित्त और कफ को संतुलित करता है।
शक्ति और आयु बढ़ाने वाला – शरीर को पुनर्यौवन देता है।
नेत्रज्योति बढ़ाने वाला – आँखों की रोशनी बढ़ाता है।
रक्त को शुद्ध करता है – हृदय और त्वचा के लिए लाभकारी।
पाचन शक्ति सुधारता है – गैस, अपच और एसिडिटी को दूर करता है।
मधुमेह में सहायक – रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है।
चरक संहिता के अनुसार आंवला खाने से महर्षि च्यवन को फिर से जवानी यानी नवयौवन प्राप्त हुआ था। इसीलिए आंवले से बना योग च्यवनप्राश कहलाता है।
आमलकी वयःस्थापनानाम्।
आंवला क्या है ?
भारत में हर कोई आंवला से परिचित है एवं यह सबसे प्राचीन आयुर्वेदिक औषधियों में से एक माना जाता है। भारत में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जिसने अपने जीवन में कभी आंवले का नाम न सुना हो। अपने औषधीय गुणों के कारण वैश्विक स्तर पर भी आंवला लोकप्रिय है।
घरेलू नुस्खों में आंवले का इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जाता है और आपने भी कभी न कभी आंवले के औषधीय गुणों का लाभ जरूर उठाया होगा। आंवले में जीवाणु-रोधी और पोषक तत्व मौजूद होते हैं जिन्हें नज़रअंदाज कर पाना मुश्किल है।
आयुर्वेद का कहना है कि आंवला एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्वों का प्रचुर स्रोत है। जिसमें औषधीय और पोषक गुण मौजूद हैं।
आयुर्वेद के दो सबसे प्रमुख ग्रंथों चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में आंवला को ऊर्जादायक जड़ी-बूटी के रूप में वर्णित किया गया है।
गुण: आंवलों को शरीर में त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) में संतुलन लाने के लिए जाना जाता है। आंवले में शीत, भारी, रुखा, धातुवर्द्धक और डायबिटीज को दूर करने वाले गुण होते हैं।
विटामिन सी Vitamin C से भरपूर आंवला, हर मौसम में लाभदायक होता है। यह आंखों, बालों और त्वचा के लिए तो फायदेमंद है ही, साथ ही इसके और भी कई फायदे हैं, जो आपके शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। आमतौर पर आंवले का प्रयोग अचार, मुरब्बा या चटनी के रूप में किया जाता है, लेकिन इसका अलग-अलग तरह से सेवन आपके लिए बेहद उपयोगी है।
उपयोग
डायबिटीज के मरीजों के लिए आंवला बहुत काम की चीज है। पीड़ित व्यक्ति अगर आंवले के रस का प्रतिदिन शहद या हल्दी के साथ सेवन करे तो बीमारी से राहत मिलती है।
एसिडिटी की समस्या होने पर आंवला बेहद फायदेमंद होता है। आंवला का पाउडर, चीनी के साथ मिलाकर खाने या पानी में डालकर पीने से एसिडिटी से राहत मिलती है। इसके अलावा आंवले का जूस पीने से पेट की सारी समस्याओं से निजात मिलती है।
पथरी की समस्या में भी आंवला कारगर उपाय साबित होता है। पथरी होने पर 40 दिन तक आंवले को सुखाकर उसका पाउडर बना लें, और उस पाउडर को प्रतिदिन मूली के रस में मिलाकर खाएं। इस प्रयोग से कुछ ही दिनों में पथरी गल जाएगी।
रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी होने पर, प्रतिदिन आंवले के रस का सेवन करना काफी लाभप्रद होता है। यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होता है, और खून की कमी नहीं होने देता।
आंखों के लिए आंवला अमृत समान है, यह आंखों की रौशनी को बढ़ाने में सहायक होता है। इसके लिए रोजाना एक चम्मच आंवला के पाउडर को शहद के साथ लेने से लाभ मिलता है और मोतियाबिंद की समस्या भी खत्म हो जाती है।
बुखार से छुटकारा पाने के लिए आंवले के रस में छौंक लगाकर इसका सेवन करना चाहिए, इसके अलावा दांतों में दर्द और कैविटी होने पर आंवले के रस में थोड़ा सा कपूर मिला कर मसूड़ों पर लगाने से आराम मिलता है।
शरीर में गर्मी बढ़ जाने पर आंवल सबसे बेहतर उपाय है। आंवले के रस का सेवन या आंवले को किसी भी रूप में खाने पर यह ठंडक प्रदान करता है। हिचकी तथा उल्टी होने की पर आंवले के रस को मिश्री के साथ दिन में दो-तीन बार सेवन करने से काफी राहत मिलेगी।
याददाश्त बढ़ाने में आंवला काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए सुबह के समय आंवला के मुरब्बा गाय के दूध के साथ लेने से लाभ होता है, इसके अलावा आप प्रतिदिन आंवले के रस का प्रयोग भी कर सकते हैं।
चेहरे के दाग-धब्बे हटाकर उसे खूबसूरत बनाने के लिए भी आंवला आपके लिए उपयोगी होता है। इसका पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा साफ, चमकदार होती है और झुर्रियां भी कम हो जाती हैं।
बालों को काला, घना और चमकदार बनाने के लिए आंवले का प्रयोग होता है, इसके पाउडर से बाल धोने या फिर इसका सेवन करने से बालों की समस्याओं से निजात मिलती है।
भावप्रकाश-पूर्वखण्ड-मिश्रप्रकरण - २. हरीतक्यादिवर्ग में निम्न वर्णन प्राप्त होता हैं
- त्रिष्वामलकमाख्यातं धात्री तिष्यफलाऽमृता |
हरीतकीसमं धात्रीफलं किन्तु विशेषतः |
रक्तपित्तप्रमेहघ्नं परं वृष्यं रसायनम् ||३६||
हन्ति वातं तदम्लत्वात्पित्तं माधुर्यशैत्यतः |
कफं रूक्षकषायत्वात्फलं धात्र्यास्त्रिदोषजित् ||३७||
यस्य यस्य फलस्येह वीर्यं भवति यादृशम् |
तस्य तस्यैव वीर्येण मज्जानमपि निर्दिशेत् ||३८||
आयुर्वेद में आंवला – अमृत फल है।
स्वस्थ रहें, स्वदेशी अपनाएँ, आंवला को अपने आहार में शामिल करें! 🌿
स्वस्थ रहें मस्त रहें।
साभार
अयोध्या दर्शन टीम