फास्ट फूड और तले भुने खाने के चलते तेजी से बढ़ रही मोटापे की समस्या विकराल होती जा रही है और रिपोर्ट्स की मानें तो भारतीय औसतन एक साल में 21000 करोड़ समोसे और वहीँ 34 करोड़ जलेबी खा जाते हैं इसलिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कार्यस्थलों पर वसा और चीनी के बोर्ड प्रदर्शित करने के संबंधी परामर्श, स्वस्थ आहार आदतों को बढ़ावा देने की एक पहल है।
यह सूचना फलक ( बोर्ड ) विभिन्न खाद्य उत्पादों में मौजूद अतिरिक्त वसा और चीनी के बारे में व्यावहारिक संकेत के रूप में कार्य करते हैं इसलिए इस प्रकार के परामर्श कुछ खाद्य उत्पादों पर 'चेतावनी लेबल' लगाने का निर्देश नहीं देता और स्वास्थ्य मंत्रालय का परामर्श भारतीय स्नैक्स और समृद्ध स्ट्रीट फूड संस्कृति को लक्षित नहीं करता है
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने समोसा, जलेबी और लड्डू जैसे खाद्य उत्पादों पर चेतावनी लेबल जारी करने का निर्देश दिया है लेकिन ऐसा मीडिया रिपोर्ट्स भ्रामक, गलत और निराधार हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कार्यस्थलों पर स्वास्थ्यवर्धक विकल्प चुनने के लिए परामर्श जारी किया है। इसमें विभिन्न कार्यस्थलों जैसे लॉबी, कैंटीन, कैफेटेरिया, मीटिंग रूम आदि में बोर्ड लगाने की सलाह दी गई है ताकि विभिन्न खाद्य पदार्थों में मौजूद अतिरिक्त वसा और चीनी के सेवन से होने वाले हानिकारक परिणामों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। ये बोर्ड देश में तेजी से बढ़ रही मोटापे की समस्या से बचने का संदेश देते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस प्रकार के परामर्श में विक्रेताओं को बेचे जाने वाले खाद्य उत्पादों पर चेतावनी लेबल लगाने का निर्देश नहीं दिया गया है और यह भारतीय स्नैक्स और समृद्ध स्ट्रीट फ़ूड संस्कृति को लक्षित नहीं करता है।
यह सामान्य परामर्श लोगों को सभी खाद्य उत्पादों में मौजूद अतिरिक्त वसा और चीनी के बारे में जागरूक करने के लिए एक व्यवहारिक प्रेरणा है जिसमें फलों, सब्जियों और कम वसा वाले विकल्पों जैसे पौष्टिक आहार को बढ़ावा देना, सीढ़ियों का उपयोग, व्यायाम और पैदल चलने जैसी शारीरिक गतिविधियां शामिल हैं।
यह परामर्श राष्ट्रीय गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) के अंतर्गत मंत्रालय की प्रमुख पहलों में से एक है क्योंकि तेल और चीनी का अत्यधिक सेवन मोटापे, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और जीवनशैली से जुड़े अन्य रोगों को बढ़ावा देता है।