1) रेबीज सिर्फ़ कुत्तों के काटने से नहीं बल्कि बिल्ली, बंदरों इत्यादि से भी हो सकता है
3) वैक्सीन की कोई समय सीमा नहीं है। अर्थात् अगर किसी कारणवश 24 घंटे के अंदर नहीं लगवा पाये तो बाद में भी लगवा सकते। symptom आने से पहले लग जाना चाहिये।
4) रेबीज के symptom आने के समय में काफ़ी ज़्यादा variation है। हो सकता है 4 दिन में ही आ जाये या 25 वर्ष बाद भी।
अगर exposure हुआ है तो ना ख़ुद में symptom आने का इंतज़ार करना है और ना जानवर के मरने का। जितनी जल्दी हो सके anti rabies vaccine लेना है
5) रेबीज लाइलाज बीमारी है इसलिए सावधानी बरतिए और इसका वैक्सीन ही उपचार है। मरीज़ में अगर रेबीज के लक्षण आ जाये तो मृत्यु दर क़रीब 100 फ़ीसदी है।
इसीलिए सावधानी और सतर्कता बेहद ज़रूरी है और यदि किसी ऐसे जानवर के संपर्क में आएँ तो जितनी जल्दी हो anti-rabies वैक्सीन ले लेनी चाहिये।
पालतू कुत्ते या बिल्ली का रेबीज वैक्सीनेशन और काटने की स्थिति में इंसान को क्या करना चाहिए !
WHO Guidelines के अनुसार...
पालतू कुत्ते या बिल्ली का रेबीज वैक्सीनेशन शेड्यूल:
रेबीज का पहला टीका पिल्ले या बिल्ली के बच्चे को तीन महीने (12 हफ्ते) की उम्र में लगाया जाता है।
इसके बाद 1 साल के अंदर बूस्टर डोज़ देना जरूरी होता है।
WHO और भारतीय पशु चिकित्सा परिषद (VCI) की गाइडलाइन के अनुसार, रेबीज वैक्सीन की वैधता अधिकतम एक वर्ष तक ही मानी जाती है – इसके बाद नया डोज़ जरूरी होता है।
1) अगर वैक्सीनेटेड पालतू जानवर काट ले तो क्या करें
यदि जानवर पूरी तरह से स्वस्थ है, और उसका एक साल के अंदर रेबीज वैक्सीनेशन हुआ है, और काटने के बाद 10 दिनों तक सामान्य रहता है, तो इंसान को वैक्सीन की जरूरत नहीं होती।
फिर भी डॉक्टर से परामर्श ज़रूरी है। कुछ केसों में केवल 2 डोज़ की वैक्सीन (Day 0 और 3) दी जाती है (precautionary PEP)।
2) अगर जानवर को रेबीज वैक्सीन नहीं लगी है या वैक्सीन की स्थिति अनिश्चित है:
घाव को तुरंत 15 मिनट तक साबुन और पानी से धोएं।
फिर अस्पताल जाकर तुरंत Anti-Rabies Vaccine (ARV) की पूरी डोज़ लें ।
अगर घाव गंभीर है (जैसे खून आना, चेहरा या हाथ पर काटना), तो डॉक्टर Rabies Immunoglobulin (RIG) भी लगाएंगे ।
3) अगर जानवर ने वैक्सीनेशन से पहले ही किसी को काट लिया चाहे वो नवजात जानवर ही क्यों ना हो
अगर जानवर ने काटने के समय तक वैक्सीन नहीं ली थी या वैक्सीनेशन के 21 दिन पूरे नहीं हुए थे, तो उसे असुरक्षित माना जाता है, और इंसान को पूरी PEP वैक्सीन (5 डोज़ + संभवतः RIG) देना जरूरी होता है।
जानवर को काटने के बाद कम से कम 10 दिन निगरानी में रखा जाता है – अगर वह इस दौरान बीमार होता है या मर जाता है, तो खतरा और बढ़ जाता है।
4) इंसान ने पहले से रेबीज का टीका (PrEP) ले रखा हो, तो काटने पर क्या करें:
अगर व्यक्ति को पहले प्रोफिलैक्टिक रेबीज वैक्सीन (PrEP) लग चुका है (जैसे 0 और 7 दिन की दो डोज़), तो काटे जाने पर उसे सिर्फ 2 डोज़ (Day 0 और 3) की ज़रूरत होती है।
•Rabies Immunoglobulin (RIG) की जरूरत नहीं होती।
5) इंसान को काटने के बाद जानवर का क्या करना चाहिए:
जानवर को काटने के बाद कम से कम 10 दिनों तक निगरानी में रखना चाहिए।
अगर वह इस दौरान सामान्य रहता है, तो रेबीज ट्रांसमिशन की संभावना बहुत कम होती है।
लेकिन यदि जानवर की मृत्यु हो जाए, लक्षण दिखें, या वह लापता हो जाए, तो व्यक्ति को पूरी वैक्सीनेशन शृंखला जरूरी हो जाती है।
ध्यान दें की:
रेबीज एक बार लगने के बाद 100% मृत्यु दर वाला रोग है – इसलिए कोई भी जोखिम न लें।
हर काटने की घटना को गंभीरता से लें,चाहे वह पालतू जानवर ही क्यों न हो।
जानवर का रेबीज टीकाकरण प्रमाणपत्र जरूर संभाल कर रखें और समय-समय पर वैक्सीनेशन कराएं ।
रेबीज एक्सपोज़र और वैक्सीनेशन: कब ज़रूरी, कब नहीं? (WHO की गाइडलाइन के अनुसार )
रैबीज एक घातक वायरस है जो संक्रमित जानवर (खासकर कुत्ते, बिल्ली, चमगादड़ आदि) के काटने या लार के संपर्क से इंसानों में फैलता है। इसके लिए WHO ने एक्सपोज़र को 3 श्रेणियों (Categories) में बाँटा है।
1) Category I
कोई जोखिम नहीं (No exposure)
क्या होता है?
1) सिर्फ जानवर को छूना
2) उसकी लार या मुंह का त्वचा से टकराना, लेकिन कोई घाव नहीं, त्वचा एकदम सही
3)जानवर का दांत या जीभ बिना चोट के शरीर से टकराना
उदाहरण:
कुत्ते का दांत या मुंह हाथ से टकराया, लेकिन खरोंच, खून या लालपन नहीं|
बच्चा किसी पालतू जानवर के साथ खेल रहा था और हाथ चाट लिया
क्या करना चाहिए?
साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं
कोई वैक्सीनेशन नहीं चाहिए
लेकिन जानवर की निगरानी 10 दिन करें (अगर संभव हो)
2) Category II
हल्की चोट या त्वचा में खरोंच
क्या होता है?
1) जानवर ने हल्की खरोंच या छिलन कर दी
2) कोई खून नहीं निकला, लेकिन त्वचा की ऊपरी परत छिली
3)लार या थूक टूटी हुई त्वचा से संपर्क में आया
उदाहरण:
नाखून या दांत से रगड़ लग गई, हल्की सी जलन या लालपन
जानवर ने चाट दिया उस जगह को जहाँ पहले से स्किन कटी थी या घाव था
क्या करना चाहिए?
तुरंत साबुन-पानी से 15 मिनट तक धोएँ
रैबीज वैक्सीन (Post Exposure Prophylaxis - PEP) लगवाना जरूरी
RIG (Rabies Immunoglobulin) नहीं लगता अगर सिर्फ Category II हो
3) Category III
गंभीर जोखिम
क्या होता है?
1) जानवर ने गहरा काटा या नाखून से खून निकाला
2) जानवर की लार घाव या आंख, नाक, मुंह जैसे म्यूकोसल हिस्सों पर लगी
3) चमगादड़ ने काटा या खरोंचा
उदाहरण:
कुत्ते ने हाथ या पैर में काट लिया और खून निकला
आंख या मुंह में लार चली गई
चमगादड़ ने काट लिया
क्या करना चाहिए?
तुरंत घाव को धोकर इलाज शुरू करें
वैक्सीन की पूरी सीरीज लगवानी होगी
साथ ही साथ RIG (रैबीज इम्यूनोग्लोब्युलिन) देना भी जरूरी होता है, अगर व्यक्ति पहले से वैक्सीनेटेड नहीं है
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु:
अगर जानवर पालतू और वैक्सीनेटेड है, और 10 दिन तक स्वस्थ रहता है, तो रिस्क बहुत कम होता है
अगर जानवर सड़क का/अनजान है और निगरानी संभव नहीं है, तो डॉक्टर आमतौर पर वैक्सीनेशन की सलाह देते हैं भले ही चोट हल्की ही क्यों न हो
पहले से वैक्सीन लगवा चुके व्यक्ति को सिर्फ बूस्टर डोज़ (2 डोज़) लगते हैं।