भारत में विदेशी पर्यटकों सहित पेशेवरों, कुशल श्रमिकों, व्यापारियों, छात्रों जैसे अन्य विदेशी नागरिकों की वैध आंतरिक आवाजाही के लिए एक मजबूत वीजा व्यवस्था है। सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में वैध विदेशी यात्रियों की सुविधा के लिए वीजा व्यवस्था को उदार, सुव्यवस्थित और सरल बनाने के लिए कई पहल की हैं और आंतरिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए तकनीकी बुनियादी ढांचे को भी मजबूती प्रदान की है।
भारतीय वीज़ा व्यवस्था, विशेष रूप से पर्यटक वीज़ा व्यवस्था को उदार और सरल बनाने के लिए ई-वीज़ा की सुविधा शुरू की गई है। इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण (ईटीए) के साथ यह सुविधा, जिसे नवंबर 2014 में 43 देशों के नागरिकों के लिए शुरू किया गया था, वर्तमान में 32 नामित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और 6 प्रमुख बंदरगाहों के माध्यम से 172 देशों के नागरिकों के लिए प्रवेश हेतु उपलब्ध है। ई-वीज़ा वर्तमान में 13 उप-श्रेणियों के अंतर्गत उपलब्ध है: ई-पर्यटक वीज़ा, ई-व्यावसायिक वीज़ा, ई-चिकित्सा वीज़ा, ई-चिकित्सा परिचारक वीज़ा, ई-सम्मेलन वीज़ा, ई-आयुष वीज़ा, ई-आयुष परिचारक वीज़ा, ई-छात्र वीज़ा, ई-छात्र एक्स वीज़ा, ई-पारगमन वीज़ा, ई-पर्वतारोहण वीज़ा, ई-फ़िल्म वीज़ा और ई-प्रवेश (X-1) वीज़ा।
ई-वीज़ा की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। कोई भी विदेशी नागरिक कहीं से भी ई-वीज़ा के लिए आवेदन कर सकता है। ई-वीज़ा की शुरुआत से पर्यटन, व्यापार और चिकित्सा जैसे वैध उद्देश्यों के लिए विदेशियों को भारत में बिना किसी परेशानी के प्रवेश करने में मदद मिली है।
2019 में 25 अमेरिकी डॉलर के वीज़ा शुल्क के साथ 30 दिनों का डबल एंट्री ई-टूरिस्ट वीज़ा लॉन्च किया गया था। ऑफ-सीजन (अप्रैल-जून) पर्यटकों को प्रोत्साहित करने के लिए इस कम व्यस्त अवधि के दौरान 25 अमेरिकी डॉलर के वीज़ा शुल्क को घटाकर 10 अमेरिकी डॉलर कर दिया गया था।
ई-वीजा व्यवस्था का उदारीकरण और सरलीकरण एक सतत प्रक्रिया है, जो सुरक्षा, पर्यटक आगमन और निवेश व द्विपक्षीय संबंधों के आधार पर की जाती है।