भारतीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जानकारी दिया है कि अंडमान समुद्र में प्राकृतिक गैस का भंडार मिला जिसको ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। अंडमान सागर में उच्च-मीथेन प्राकृतिक गैस की खोज भारत की एलएनजी आयात निर्भरता को कम कर सकती है और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत कर सकती है तथा कोयले से स्वच्छ ईंधन की ओर संक्रमण को बढ़ावा दे सकती है। यह अर्थव्यवस्था और भू-राजनीति दोनों के लिए रणनीतिक तौर पर एकदम लाभकारी है।
अंडमान समुद्र तट से 17 किलोमीटर दूर अंडमान सागर में श्री विजयपुरम के 2 कुएं में प्राकृतिक गैस की खोज हुई है जिसके नमूनों में 87% मीथेन पाया गया है तथा व्यावसायिक व्यवहार्यता की पुष्टि होने पर, इससे न केवल घरेलू ऊर्जा आपूर्ति में वृद्धि होगी, बल्कि बंगाल की खाड़ी में भारत की रणनीतिक स्थिति भी मजबूत होगा इसलिए यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
अन्वेषण, बुनियादी ढांचे और सतत खोज एवं निष्कर्षण में निवेश से अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित होगा और साथ ही ऊर्जा परिवर्तन लक्ष्यों को भी बल मिलेगा। यह महत्वपूर्ण संसाधनों में आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भर भारत) की दिशा में एक और कदम है। इन सभी कारणों से भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए आने वाला समय रोमांचक है।
भारत के हर कोने में प्राकृतिक संसाधन मिलेंगे, कोई कमी नहीं है, हमारे पास द्वीप हैं, समुद्र तट हैं, गहरे समुद्र हैं, रेगिस्तान हैं, पहाड़ हैं, घाटियाँ हैं, नदियाँ हैं, यहाँ क्या नहीं है, लेकिन पिछली सरकारों में प्राकृतिक संसाधनों को खोजने के प्रयास और हमेशा भारत को आश्रित बनाए रखने के लिए गंभीर नहीं रहे।
अंडमान सागर में पाई गई प्राकृतिक गैस की जानकारी :-
- श्री विजयपुरम के 2 कुआँ, पूर्वी तट से 17 किलोमीटर दूर, 2650 मीटर गहराई पर।
- नमूनों की जांच में 87% मीथेन पाया गया।
- व्यावसायिक व्यवहार्यता का आकलन आने वाले महीनों में किया जाएगा।