Today Sunday, 20 July 2025
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ET - LDHCM मिसाइल नहीं देश का मूड है !


  2025 में दुनिया को चौंकाना भारत ने अब एक हॉबी बना ली है और इस बार तो ऐसा चौंकाया कि दुश्मनों के रडार, रिपोर्ट और रात की नींद तीनों उड़ गइ। DRDO ने इसे प्रोजेक्ट विष्णु के तहत बनाया और लॉन्च किया है जिसका नाम  ET-LDHCM है यह एक ऐसी हाइपरसोनिक मिसाइल, जो इतनी तेज है कि ध्वनि की गति भी फीकी पड जाए, स्क्रैमजेट इंजन से लैस यह मिसाइल अब सिर्फ हथियार नहीं रही, बल्कि "स्पीड ब्रह्मास्त्र" बन चुकी है और इसके छोटे से नाम पर मत जाइये क्योंकि 'एक्सटेंडेड ट्रैजेक्टरी लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल' नाम ऐसा है कि जब तक दुश्मन इस मिसाइल के नाम को समझने के लिए गूगल करेगा तब तक यह मिसाइल दुश्मन देश को नक़्शे से साफ कर चूका होगा।  इस मिसाइल की रफ्तार है मैक 8 यानी ध्वनि से आठ गुना तेज यानी जब तक आप अपने वाणी से केवल एक शब्द पूरा करेंगे तब तक यह मिसाइल अपने फैसले को अंजाम दे चुकी होगी वैसे अब तक दुश्मन देश ब्रह्मोस, अग्नि और आकाश से ही निपटने की कोशिश कर रहे थे, तब तक भारत ने 1,500 किलोमीटर रेंज और 2,000 किलोग्राम वॉरहेड से लैश ET-LDHCM जैसी धाकड़ मिसाइल बनाकर पूरी दुनिया को सकते में ला दिया है जिसे कम ऊंचाई वाले रडार तो इसके आस पास भी नहीं टिकेंगे, इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि उसी तीव्र गति  दिशा बदलने में माहिर है और इसको कोई भी राडार  रक्षा कवच पकड़ नहीं पाएगा। 
 
DRDO की माने तो यह मिसाइल कमांड सेंटर, नौसैनिक संपत्तियां, बंकर, और दुश्मनों के सपने और सोच सब कुछ एक झटके में खत्म कर सकती है जिससे रूस का S-500 और इज़राइल का आयरन डोम दोनों अब पेशोपेश में पड़ गए हैं कि अब इसकी काट क्या है। 
 
प्रोजेक्ट विष्णु: आधुनिक युग का सुदर्शन चक्र
 
 अब सोचिए, जब विष्णु के नाम पर प्रोजेक्ट हो, तो दुश्मन के रक्षा विश्लेषक भी घबराकर पूछें अब रामायण किस एपिसोड पर चल रही है? यह प्रोजेक्ट कुल 12 हाइपरसोनिक सिस्टम बना रहा है कुछ हमला करेंगे, कुछ दुश्मन की मिसाइलों को रास्ते में ही 'गुड नाइट' कह देंगे।
 
रोजगार भी, रोब भी !
 
इस मिसाइल में MSME और निजी कंपनियों ने भी योगदान दिया है। यानी यह सिर्फ रक्षा नहीं कर रही, बल्कि रोज़गार दे रही, और दुश्मनों को डराने के साथ-साथ देशवासियों को गर्व भी दे रही है जिससे साबित होता है कि ET-LDHCM मिसाइल नहीं देश का मूड है !
ET-LDHCM कोई आम मिसाइल नहीं है। ये उस वैज्ञानिक का जवाब है, जिसे बचपन में टाइम पर लैब नहीं मिलने दी गई थी। ये उस देश का आत्मविश्वास है, जो कभी दूसरों से हथियार मांगता था और अब खुद बना रहा है, वो भी ऐसा कि रॉकेट साइंस शर्मिंदा हो जाए।
 
अब जो भी भारत की ओर दुश्मन के नजर से देखेगा तो उसकी नजर के सामने ही उस देश के परखच्चे उड़ जायेंगे वह भी 1,500 किलोमीटर दूर से ही  इसलिए दुनिया कह रही है कि  यह मिसाइल खतरनाक नहीं गजब खतरनाक है। 

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