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नेतन्याहू ने UN में दहाड़ा
बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र में दहाड़ते हुए कहा कि जब तक बंधक बनाए गए हमारे सभी नागरिकों को हमास मुक्त नहीं करेगा तब तक वह अपने हमले को नहीं रोकेगा और संयुक्त राष्ट्र के पाखंड को चाकू की तरह चीरते हुए आगे कहा कि 7 अक्टूबर के बाद यरुशलम के पास ग्राउंड ज़ीरो के नजदीक एक फिलिस्तीनी राज्य बनाना यह 9/11 के बाद अल-क़ायदा को न्यूयॉर्क शहर से एक मील दूर एक राज्य उपहार देने जैसा है, यह शांति नहीं, कूटनीति का जामा पहनकर आत्महत्या के जैसा है और यह सरासर पागलपन है और हम ऐसा नहीं करेंगे। नेतन्याहू ने सीधे और सपाट शब्दों में कहा कि इज़राइल वैश्विक नैतिकता के प्रतीक चिन्हों को खुश करने के लिए अपनी मृत्यु के वारंट पर हस्ताक्षर नहीं कर रहा है।
बेंजामिन नेतन्याहू ने UN में घोषणा किया कि, इज़राइली खुफिया एजेंसियों के बदौलत यह भाषण अब गाजा के हर मोबाइल पर लाइव दिखाई दे रहा है और नेतन्याहू ने नक़्शे को हाथ में दिखते हुए कहा अपने हथियार डाल दो, सभी 48 बंधकों को रिहा करो। यदि तुम ऐसा करोगे, तो तुम ज़िंदा बच जाओगे। अगर तुम ऐसा नहीं करोगे, तो इज़राइल तुम्हें ढूंढ निकालेगा और ख़त्म कर देगा जैसे हमने इन-इन लोगों को ख़त्म किया है।
यूएन के मंच का सभी राजनीतिक फायदा उठा रहे हैं फिर नेतन्याहू कहां पीछे रहने वाला है, वे भी अपने सूट पर एक बारकोड लगाकर आए और UNGA में कहा कि इस बारकोड को स्कैन कीजिए और देखिए हमास ने किस तरह के अत्याचार किए हैं। नेतन्याहू का यह बारकोड स्टंट सिर्फ दिखावटी नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से बेहद शातिराना भी था जिसके असर को समझने के लिए कुछ पॉइंट्स में देख सकते हैं:-
1. सीधा संदेश जनता तक:
बारकोड स्कैन होते ही लोगों को इजरायल और हमास के बीच हुए कथित अत्याचारों की डिजिटल रिपोर्ट या वीडियो तक पहुंचाया जा सकता है। इससे मीडिया और आम जनता तक उनका संदेश बिना किसी मीडिया फ़िल्टर के सीधे पहुँच गया।
2. मीडिया और सोशल मीडिया का प्रभाव:
यह स्टंट तुरंत वायरल हो गया। लोग तस्वीरें, वीडियो और मेमे बना रहे हैं। इसलिए नेतन्याहू का संदेश यूएन हॉल के बाहर भी फैल गया, और मीडिया को बार-बार इसे दिखाना पड़ा।
3. सांकेतिक शक्ति प्रदर्शन:
सूट पर बारकोड लगाना एक तरह से कह रहा है... “देखो, हमारे पास सबूत हैं, और हम इसे दुनिया के सामने दिखाने में डरते नहीं।” यह विश्वास और ताकत का संदेश है।
4. इज़राइल के एजेंडे को प्राथमिकता देना:
यूएन एक ऐसा मंच है जहाँ कई देश अपनी राजनीति रखते हैं, लेकिन नेतन्याहू ने अपने एजेंडे को सबसे हाई-टेक और ध्यान आकर्षित करने वाले तरीके से पेश किया।
5. डिजिटल युग में नवाचार:
यह साबित करता है कि राजनीति अब सिर्फ भाषण और कूटनीति तक सीमित नहीं है। नेता अब तकनीक और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके सीधे वैश्विक जनता को प्रभावित कर सकते हैं।
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