कुछ वर्ष पहले "मेट्रो इंडिया " ने "L " वार्ड के MOH डॉ अष्टिकर और Sr. MOD डॉ पिम्पले के साथ मिलकर साकीनाका में फ़र्ज़ी डॉक्टरों और हॉस्पिटल के खिलाफ अभियान चलाया था जिसमे कई डॉक्टर को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था और इस अभियान से घबराकर बहुत सारे फ़र्ज़ी डॉक्टर मुंबई छोड़कर विरार , नालासोपारा या नायगांव जैसे इलाको में भाग गए थे और खैरानी रोड जैसे इलाके में कई फ़र्ज़ी हॉस्पिटल बंद कराया गया था जिससे यंहा की जनता को काफी रहत मिली थी लेकिन हमारे सूत्रों के अनुसार साकीनाका में इस प्रकार की अवैध गतिविधियां फिर से सक्रीय हुई है जिससे यंहा की भोली भाली जनता मौत से बचने के लिए अनजाने में यमदूत के पास ही जा रही है, आम जनमानस को मेडिसिन में ज्यादा जानकारी नहीं होती है उन्हें तो केवल जल्द से जल्द बीमारी से छुटकारा पाना रहता है ऐसी मानसिकता का फायदा ये झोलाछाप डॉक्टर्स उठाते हैं और छोटी छोटी बिमारियों में अंधाधुंध स्टेरॉयड एवं एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करते है जो आगे चलकर मरीज को हार्ड दवाओं का डोज लेना ही पड़ता है और साथ ही साथ अपने निजी फायदे के लिए मरीज को खून जाँच के नाम पर फर्जी पैथोलॉजी लैब में भेजते हैं और लैब से सियूटी लेकर पैसा बनाते है और हाँ जब इन्ही डॉक्टर्स को खुद का खून का जाँच कराना रहता है तो एडवांस टेक्नोलॉजी के मशीन रखनेवाले पैथोलॉजी लैब में जाते हैं, कई पैथो लैब वाले तो डिग्री छोडो ढंग के पढ़े लिखे भी नहीं है फिर भी डॉक्टर्स मरीज को खून जाँच के लिये ऐसे पैथो लैब में भेजते है, अभी कुछ साल पहले महाराष्ट्र मेडिकल काउन्सिल ने कुछ MD (Patho ) डॉक्टर्स को गिरफ्तार भी करवाया जो 500 - 500 रुपये लेकर एक बार में डेढ़ या दो हजार लैब रिपोर्ट पर डिजिटल साइन करते थे जो पैथो एक्ट का सरासर उलंघन था और हाँ इनमे कई फर्जी डॉक्टर्स को एलोपैथी की केवल सतही जानकारी है फिर भी न्यूरोपैथी या आयुर्वेद के डीग्री के आड मे बिंदास एलोपैथी प्रैक्टिस कर रहे हैं और बच भी रहे हैं क्यूंकि इनका प्रोगनेसिस अच्छा होने के कारण डॉयग्नोसिस अच्छा है इसलिए पकड मे नहीं आते है या कोई हादसा होने पर ही पता चलता है। जब हमने खोज शुरू किया तो पाया कि साकीनाका में बहुत सारे हॉस्पिटल्स और नर्सिंग होम्स ऐसे - ऐसे जगहों या बिल्डिंग्स में चल रहे हैं जो मनपा कानून में कहीं भी फिट नहीं बैठते हैं फिर भी "L " वार्ड के वर्तमान में MOH डॉ. बडगीरे के शिथिलता या मिलीभगत से इस प्रकार के अवैध हॉस्पिटल और नर्सिंग होम धड़ल्ले से चल रहे है और बहुत सारे हॉस्पिटल्स के पास "C " फॉर्म ही नहीं है केवल कई महीनो से "C " फॉर्म के लिए अप्लाय किया हुआ डाक्यूमेंट्स है और उसी को आधार बनाकर बिना कानून के भय से धड़ल्ले से चल रहे हैं। यंहा पर एक आम आदमी भी जानता है कि तीसरे या चौथे फ्लोर पर स्थित हॉस्पिटल्स में किसी कारणवश मरीज के मौत होने पर उसकी डेड बॉडी को रेसिडेंशियल लिफ्ट में कैसे लाएंगे या उस डेड बॉडी को लिफ्ट में कपडे की तरह फोल्ड करेंगे?इतनी कॉमन सेन्स जब एक आम आदमी में है तो "L " वार्ड के MOH डॉ. बडगीरे किसी हादसे का इंतजार कर रहे हैं और इस खेल में हेल्थ डिपार्टमेंट के अलावा B &F डिपार्टमेंट भी शामिल रहता है जो पैसे के दबाव में आकर टेक्नीकल शब्दों से खेलकर स्ट्रक्चर का NOC देते हैं वैसे मुंबई हाईकोर्ट का सीधा सीधा निर्देश है कि कंही भी अवैध गतिविधि चल रही है तो पुलिस तुरंत कार्यवाई करे और सम्बंधित विभाग के साथ मिलकर आगे की करवाई जारी रखे लेकिन शायद पुलिस भी हादसे का इंतजार करती है या समय आने पर कार्यवाई के नाम पर लीपा पोती करती है। इसलिए हेल्थ डिपार्टमेंट के MOH डॉ. बडगीरे इस प्रकार के अवैध हॉस्पिटल और नर्सिंग होम, डॉक्टर्स या पैथोलॉजी लैब के खिलाफ जल्द से जल्द कार्यवाई करके आम जनता को मेडिकल फिल्ड का एक अच्छा वातावरण तैयार करे जिससे जनता का अच्छा इलाज हो सके और ऐसा नहीं होने पर "मेट्रो इंडिया " ऐसे फर्जी लोगो का नाम जल्द उजागर करेगा और उस अवैध गतिविधि की जिम्मेदारी MOH डॉ बडगीरे को लेनी पड़ेगी