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150 साल बाद छत्रपति शिवाजी महाराज के षडयंत्रकारी का नाम मिटा !
मुंबई :
150 साल का समय लग गया छत्रपति शिवाजी महाराज के खिलाफ षडयंत्र करनेवाले अंग्रेज अधिकारी के नाम से जाना जानेवाला दक्षिण मुंबई का कर्नाक ब्रिज जो "डिमेलो" रोड से मस्जिद बंदर पूर्व-पश्चिम को जोडता है, उसका पुर्निर्माण के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस के हाथो से उद्घाटन किया गया और षडयंत्रकारी अंग्रेज अधिकारी का नाम मिटाकर उस ब्रिज का नामकरण "सिंदूर " के नाम से किया गया जो ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय जवानो द्वारा दिखाई गई कौशलभरी वीरता का याद दिलाता रहेगा। कर्नाक पूल के खुलने से आस पास के व्यवसायिक क्षेत्र में काफी ख़ुशी है क्न्योकि पूर्व से पश्चिम जाने के लिए काफी घूम के जाना पड़ता था जिससे समय और पैसा ज्यादा खर्च होता था एवं इस ब्रिज का पुर्निर्माण मनपा अतरिक्त आयुक्त अभिजीत बांगर के देख रेख में हुआ और 328 मीटर के पूल ( जिसमे 70 मीटर रेलवे के मातहत है ) के निर्माण में 550 मेट्रिक टन के दो विशाल गार्डर पर पूल को बनाया गया है जिसकी लंबाई 70 मीटर, चौड़ाई 26.5 मीटर और ऊंचाई 10. 8 मीटर है और पूरा पूल कॉन्क्रीट के मजबूत खंभो पर टिका है।
उद्घाटन के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ॲड. राहुल नार्वेकर; कौशल्य, रोजगार, उद्योजकता व नाविन्यता मंत्री तथा मुंबई उपनगर जिला के सहपालकमंत्री श्री. मंगलप्रभात लोढा, आमदार तथा मुख्य प्रतोद श्रीमती मनीषा कायंदे, अण्णासाहेब पाटील आर्थिक मागास विकास महामंडल के अध्यक्ष श्री. नरेंद्र पाटील, महानगरपालिका आयुक्त तथा प्रशासक श्री. भूषण गगराणी, अतिरिक्त महानगरपालिका आयुक्त (प्रकल्प) श्री. अभिजीत बांगर के साथ साथ विविध गणमान्य उपस्थित थे
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