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आजादी के 78 साल बाद पहुंचेगी रेलवे
मिज़ोरम:
मिज़ोरम की 2024 की जनसंख्या लगभग 13.9 लाख होगी लेकिन आजादी के बाद 78 सालों में पहली बार मिजोरम में रेलवे पहुंची है जिससे वहां के नागरिकों में काफी उत्साह है और मोदी सरकार द्वारा रेलवे ट्रेन देश के हर कोने तक पहुँच रहे विकास का एक सच्चा प्रमाण भी है। लगभग ₹1,120 करोड़ की लागत वाली 51 किलोमीटर लंबी बैराबी सैरांग लाइन व्यापार, पर्यटन और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगी जिससे मिजोरम की अर्थव्यवस्था में भी काफी सुधार होगा और मिजोरम वासियों को आवागमन में भी सुविधा मिलेगी।
मिजोरम राज्य का जनसंख्या घनत्व लगभग 74-75 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है और इसके मुख्य अंश :
- प्रधानमंत्री 13 सितंबर को सैरांग में मिजोरम के पहले रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे।
- सैरांग स्टेशन 51.4 किलोमीटर लंबी बैराबी-सैरांग ब्रॉड-गेज लाइन का टर्मिनस है—48 सुरंगों और 55 पुलों के साथ यह एक बड़ी इंजीनियरिंग उपलब्धि है।
- यह परियोजना आइज़ोल को भारत के रेलवे मानचित्र से केवल 20 किलोमीटर दूर लाकर इसको देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है।
- मिज़ोरम और पूर्वोत्तर में अर्थव्यवस्था, कृषि और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नया रेल संपर्क बनेगा।
- सैरांग स्टेशन को आधुनिक सुविधाएँ मिलेंगी, जल्द ही राजधानी एक्सप्रेस और लंबी दूरी की सेवाओं की भी योजना है।
इंजीनियरिंग का चमत्कार:
दुर्गम पहाड़ी इलाकों में निर्मित इस परियोजना को एक बड़ी इंजीनियरिंग उपलब्धि माना जाता है जिसमे निम्नलिखित निर्माण कार्य शामिल हैं:
- 48 सुरंगें
- 55 बड़े पुल
- 87 छोटे पुल
- सबसे ऊँचा पुल, 114 मीटर ऊँचा, दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊँचा है।
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