भारत-चीन संबंधों में सहजता से चीन के निर्यात क्षेत्र में अच्छी मजबूती देखी जा सकती है लेकिन एक बुनियादी असंतुलन को भी उजागर करता है।
यहाँ मुख्य सीख भारी व्यापार घाटा है, लेकिन उससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि व्यापार किए जा रहे माल की प्रकृति क्या है। भारत मुख्य रूप से मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उच्च-मूल्य वाले तैयार उत्पादों का आयात करता है, जो हमारे अपने औद्योगीकरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
इसके विपरीत, हमारे शीर्ष निर्यात अक्सर कच्चे माल या लौह अयस्क जैसी कम-मूल्य वाली वस्तुएँ होती हैं। संबंधों में वास्तविक सहजता सकारात्मक है, लेकिन भारत के लिए वास्तविक परिवर्तनकारी कारक हमारे निर्यात बास्केट को उच्च-मूल्य वाले निर्मित वस्तुओं की ओर स्थानांतरित करना होगा ताकि एक अधिक संतुलित और टिकाऊ संबंध बनाया जा सके।
भारत-चीन व्यापार शुरू होने से आने वाले दिनों में निम्नलिखित सेक्टर में काम करने वाली कंपनियों के शेयर में काफी उछाल देखने को मिल सकता है लेकिन फिर भी काफी रिसर्च और सोच समझकर ही निवेश करें।
भारत-चीन व्यापार विवरण :-
कुल द्विपक्षीय व्यापार ≈ 118.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर
भारत का आयात ≈ 101.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर
भारत का निर्यात ≈ 16.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर
चीन से प्रमुख आयात:-
1. विद्युत मशीनरी
2. परमाणु रिएक्टर और पुर्जे
3. कार्बनिक रसायन
4. प्लास्टिक
5. उर्वरक
चीन को प्रमुख निर्यात:-
1. लौह अयस्क
2. इंजीनियरिंग सामान
3. समुद्री उत्पाद
4. रसायन
5. पेट्रोलियम उत्पाद