महाराष्ट्र:
बाढ़ की आपदा से परेशान महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की अर्थव्यस्था को गति देने के लिए शराब की दुकानों को छोड़कर सभी दुकानों को 24 घंटे खुला रखने की अनुमति दे दिया है और इस विषय में श्रम विभाग ने GR निकाल कर आदेश लागू कर दिया है। वैसे पूरी दुनिया में एक कहावत थी कि मुंबई कभी सोती नहीं है इसलिए बीच -बीच में यह मांग उठती रही है कि मुंबई की नाईट लाइफ को पहले की तरह रात भर खुला रखा जाए और अब यह मांग राज्य सरकार ने GR निकाल कर लागू कर दिया है जिससे मुंबईवाशियों में ख़ुशी है।
अब दुकानदारों को रात में ज्यादा समय तक दुकान खोलने के लिए श्रम विभाग के कार्यालयों में चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और इस GR को लागू करने की एक बड़ी वजह यह भी है कि मुंबई एक अंतर्राष्ट्रीय शहर है जिससे देश विदेश से पर्यटक और व्यवासियों की आवाजाही 24 घंटे शुरू रहती है और देर रात में दुकाने बंद होने के कारण इन लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था।
नीति क्या कहती है और क्या अनुमति है !
•महाराष्ट्र में सभी दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान (मॉल, होटल, थिएटर, सिनेमा आदि सहित) अब 24 घंटे, सप्ताह के 7 दिन खुले रह सकते हैं, सिवाय उन दुकानों के जो शराब परोसती या बेचती हैं।
•शराब बेचने या परोसने वाले प्रतिष्ठान - जैसे परमिट रूम, वाइन शॉप, बीयर बार, हुक्का पार्लर, डिस्को/मनोरंजन बार - को 24/7 आधार पर चलने की अनुमति नहीं होगी। उन्हें मौजूदा अधिसूचनाओं में निर्धारित समय सीमा का पालन करना होगा।
•यह निर्णय महाराष्ट्र दुकान एवं प्रतिष्ठान (रोजगार एवं सेवा शर्तें विनियमन) अधिनियम, 2017 के प्रावधानों द्वारा समर्थित है। इस अधिनियम की धारा 16(1)(बी) प्रतिष्ठानों को सप्ताह के सभी दिन खुले रहने की अनुमति देती है, बशर्ते कर्मचारियों को सप्ताह में 24 घंटे का निरंतर आराम मिले।
•सरकार ने अपने उद्योग, ऊर्जा, श्रम और खनन विभाग के माध्यम से एक परिपत्र जारी किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्थानीय प्राधिकरण (जिला प्रशासन, पुलिस) इस नियम का पालन करें और कानूनी रूप से 24/7 संचालन के योग्य व्यवसायों में बाधा न डालें।
•नीति उन पूर्व शिकायतों को स्पष्ट करती है जिनमें कहा गया था कि कुछ स्थानीय निकायों/पुलिस ने कानून के बावजूद दुकानों को चौबीसों घंटे संचालित होने से रोका था - इस कार्रवाई का उद्देश्य ऐसी बाधाओं को दूर करना है।
•नीति में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रतिष्ठान 24/7 संचालित हो सकते हैं, लेकिन प्रत्येक कर्मचारी को 2017 के अधिनियम के अनुसार साप्ताहिक अवकाश (24 घंटे का ब्लॉक) दिया जाना चाहिए।
कानूनी और नियामक पृष्ठभूमि !
•महाराष्ट्र के दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत, राज्य सरकार को दुकानों के खुलने/बंद होने के समय को विनियमित करने का अधिकार है।
•2017 में, एक पूर्व अधिसूचना ने उस नियामक योजना के तहत शराब बेचने वाले प्रतिष्ठानों सहित सभी प्रतिष्ठानों के लिए समय निर्धारित किया था। तब से शराब की दुकानों पर विशेष प्रतिबंध लागू थे।
•यह नीति स्थानीय पुलिस/नगरपालिका प्राधिकारियों द्वारा प्रतिबन्ध लगाने के तरीके को उलट देती है (या संशोधित करती है) - अब उन्हें परिपत्र का पालन करना होगा, न कि मनमाने ढंग से कर्फ्यू लगाना होगा।
महाराष्ट्र ने दुकानों को चौबीसों घंटे (शराब की दुकानों को छोड़कर) खुला रखने की अनुमति मुख्यतः स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देने, रोजगार के अवसर बढ़ाने और उपभोक्ताओं को अधिक सुविधा प्रदान करने के लिए दी है, खासकर शहरी इलाकों में जहां देर रात खरीदारी की मांग बढ़ रही है। यह खुदरा क्षेत्र को आधुनिक बनाने और ऑनलाइन खरीदारी के लचीलेपन से मुकाबला करने के प्रयासों का भी हिस्सा है।
किन-किन देशों में रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था का योगदान (
जीडीपी का लगभग % में ):-
1.

लंदन – जीडीपी का लगभग 6%
2.

न्यूयॉर्क शहर – लगभग 5%
3.

टोक्यो – लगभग 4.5%
4.

शंघाई – लगभग 4.5%
5.

सिडनी – लगभग 4%
6.

सिंगापुर – लगभग 3.5%
7.

बार्सिलोना – लगभग 3.5%
8.

दुबई – लगभग 3%
9.

मुंबई – लगभग 2.5%
10.

सियोल – लगभग 2.5%