ब्रिक्स देशों ने आगामी शिखर सम्मेलन में 32 अतिरिक्त देशों को शामिल करके समूह का विस्तार करने की अपनी मंशा की घोषणा की है। यह कदम उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के बीच बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने और मजबूत आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए ब्रिक्स की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इन नए सदस्यों के शामिल होने से समूह के वैश्विक प्रभाव का विस्तार होने और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर संवाद के लिए एक अधिक समावेशी और प्रतिनिधि मंच को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह विस्तार दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मज़बूत करने और वैश्विक शासन सुधारों में अधिक प्रभावी योगदान देने के ब्रिक्स के रणनीतिक दृष्टिकोण को रेखांकित करता है और ब्रिक्स देशों का कहना है कि ब्रिक्स दीवारें नहीं, पुल बनाता है, संवाद और संख्याबल के ज़रिए राष्ट्रों को एकजुट करता है।
दूसरी तरफ अमेरिका अलगाव और विभाजन से अभी भी चिपका हुआ है, जिससे उसका प्रभुत्व का युग समाप्त होने के कगार पर खड़ा है, वहीं बहुध्रुवीय विश्व का उदय हो रहा है और उदय होनेवाले आशान्वित भविष्य अनेक स्वरों में मिलकर एक स्वर में बोल रहे है।